MP Road condition : ध्वस्त सड़कों की सूरत बदलने केंद्र का मुंह ताक रहा मध्यप्रदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश में भारी बारिश से ध्वस्त हुई सड़कों की सूरत बदलने के लिए लोक निर्माण विभाग अब केंद्र का मुंह ताक रहा है। विभाग का दावा है कि उसने 98 फीसदी सड़कों के गड्ढे भरने में सफलता प्राप्त कर ली है। लेकिन करीब 1149 किलोमीटर लंबी बदहाल सड़कों की मरम्मत के लिए केंद्र से 726 करोड़ रुपए का बजट मिलने का इंतजार किया जा रहा है।


लोक निर्माण विभाग का दावा है कि प्रदेश में भारी बारिश के चलते सड़कों पर गड्ढे हुए थे उन्हें सभी विशेष मुहिम चलाकर भर दिया गया है। विभाग की ओर से सभी जिलों में पैच वर्क पूरा करने के लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी थी। इस अवधि तक सभी जिलों में औसतन 98 फीसदी सड़कों के गड्ढे भर दिए गए हैं।


लेकिन, जो सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं उनके पुनर्निर्माण को लेकर विभाग के पास तुरंत कोई समाधान नहीं है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि इंदौर, भोपाल, उज्जैन, सागर, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर और नीमच सहित कुछ अन्य जिलों में इस साल भारी बारिश के कारण सड़कों को ज्यादा नुकसान हुआ है। भोपाल सहित कतिपय अन्य जिलों में गारंटी पीरिएड की सड़कें तक ध्वस्त हो गईं।


लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरके मेहरा ने विशेष चर्चा के दौरान दावा किया कि राजधानी परिक्षेत्र भोपाल, मध्य परिक्षेत्र जबलपुर, उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन और पश्चिम परिक्षेत्र इंदौर सहित राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र भोपाल की करीब साढ़े हजार किलोमीटर लंबी सड़कों पर गड्ढे भरने के लिए विशेष मुहिम चलाई गई है। उन्होंने बताया सड़कों के इस पैच वर्क पर करीब 80 करोड़ रुपए का खर्च आया है।


उन्होंने स्वीकार किया कि इंदौर और उज्जैन संभाग में सड़कें ज्यादा बदहाली की शिकार हुई हैं जो सड़कें पूरी तरह उखड़ चुकी हैं उनका पुननिर्माण कराया जाएगा। लेकिन ऐसी सड़कों की लंबाई करीब 1149 किमी है, प्रदेश के हर जिले में ऐसी दो-तीन सड़कें मौजूद हैं। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि इनके लिए केंद्र से जब 726 करोड़ रुपए मिलेंगे तभी सड़कों का निर्माण हो पाएगा।


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