कहीं दूर जब दिन ढल जाए......... राजेश खन्ना की सुनहरी यादों का दौर

वैसे तो बहुत कुछ लिखने को है सुपरस्टार राजेश खन्ना की जीवन पर लेकिन उनकी फिल्मों के ही कुछ गाने ऐसे हैं जो बयां करते हैं उनकी जिंदगी की दास्तान जैसे कहीं दूर जब दिन ढल जाए, यह गाना पूरी तरह चरितार्थ होता है! फिल्म इंडस्ट्रीज के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना पर राजेश खन्ना का एक सुनहरी यादों का दौर रहा है! राजेश खन्ना की सफेद गाड़ी को चूमकर गुलाबी कर देती थीं लड़कियां, कुछ ऐसा था 'काका' का स्टारडम


कहते हैं जितनी शोहरत फिल्म इंडस्ट्रीज में राजेश खन्ना को मिली है! उतनी शोहरत आज तक किसी और अभिनेता को नहीं मिली! उनकी दीवानगी दर्शकों के सर चढ़कर बोलती थी! खासकर लड़कियां उनकी बहुत दीवानी हुआ करती थी! फिल्म इंडस्ट्रीज में इतनी शोहरत नसीब वालों को मिलती है! और राजेश खन्ना नसीब के धनी थे! उनका अपना एक सुनहरा दौर था !


देखते ही बनता था सुपरस्टार राजेश खन्ना का स्टारडम!


यादों के झरोखे में राजेश खन्ना की सुनहरी यादें हमेशा झिलमिलाते रहेगी


उसी दौर की कुछ सुनहरी यादें....                                      


*राजेश की पहली प्रदर्शित फिल्म का नाम ‘आखिरी खत’ है, जो 1966 में रिलीज हुई थी।


*1969 में रिलीज हुईं फिल्में 'आराधना' और 'दो रास्ते' की सफलता के बाद राजेश खन्ना सीधे शिखर पर जा बैठे। उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया गया और लोगों के बीच उन्हें अपार लोकप्रियता हासिल हुई।


*लड़कियों के बीच राजेश खन्ना बेहद लोकप्रिय थे। लड़कियों ने उन्हें खून से खत लिखे। उनकी फोटो से शादी तक कर ली। कुछ ने तो अपने हाथो पर राजेश का नाम गुदवा लिया। कई लड़कियां उनका फोटो तकिये के नीचे रखकर सोती थी।


*स्टुडियो या किसी निर्माता के दफ्तर के बाहर राजेश खन्ना की सफेद रंग की कार रुकती थी तो लड़कियां उस कार को ही चूम लेती थी। लिपिस्टिक के निशान से सफेद रंग की कार गुलाबी हो जाया करती थी।


*निर्माता-निर्देशक राजेश खन्ना के घर के बाहर लाइन लगाए खड़े रहते थे। वे मुंहमांगे दाम चुकाकर उन्हें साइन करना चाहते थे।


*पाइल्स के ऑपरेशन के लिए एक बार राजेश खन्ना को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अस्पताल में उनके इर्द गिर्द के कमरे निर्माताओं ने बुक करा लिए ताकि मौका मिलते ही वे राजेश को अपनी फिल्मों की कहानी सुना सके।


*राजेश खन्ना को रोमांटिक हीरो के रूप में बेहद पसंद किया गया। उनकी आंख झपकाने और गर्दन टेढ़ी करने की अदा के लोग दीवाने हो गए।


*राजेश खन्ना द्वारा पहने गए गुरु कुर्त्ते खूब प्रसिद्ध हुए और कई लोगों ने उनके जैसे कुर्त्ते पहने।


*'आराधना', 'सच्चा झूठा', 'कटी पतंग', 'हाथी मेरे साथी', 'महबूब की मेहंदी', 'आनंद', 'आन मिलो सजना', 'आपकी कसम' जैसी फिल्मों ने कमाई के नए रिकॉर्ड बनाए।


*आराधना फिल्म का गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू...’ उनके कैरियर का सबसे बड़ा हिट गीत रहा।


आनंद' राजेश खन्ना के कैरियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जा सकती है, इसमें उन्होंने कैंसर से ग्रस्त जिंदादिल युवक की भूमिका निभाई।


*राजेश खन्ना की सफलता के पीछे संगीतकार आरडी बर्मन और गायक किशोर कुमार का अहम योगदान रहा। इस तिकड़ी के अधिकांश गीत हिट साबित हुए और आज भी सुने जाते हैं। किशोर ने 91 फिल्मों में राजेश को आवाज दी तो आरडी ने उनकी 40 फिल्मों में संगीत दिया।


*अपनी फिल्मों के संगीत को लेकर राजेश हमेशा सजग रहते थे। वे गाने की रिकॉर्डिंग के वक्त स्टुडियो में रहना पसंद करते थे और अपने सुझावों से संगीत निर्देशकों को अवगत कराते थे।


*मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ राजेश खन्ना की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। मुमताज के साथ उन्होंने 8 सुपरहिट फिल्में दी।


*मुमताज ने शादी कर फिल्म को अलविदा कहने का मन बना लिया। उनके इस निर्णय से राजेश को बहुत दु:ख हुआ।


*शर्मिला और मुमताज, जो कि राजेश की लोकप्रियता की गवाह रही हैं, का कहना है कि लड़कियों के बीच राजेश जैसी लोकप्रियता बाद में उन्होंने कभी नहीं देखी।


*आशा पारेख और वहीदा रहमान जैसी सीनियर एक्ट्रेस के साथ भी उन्होंने काम किया। 'खामोशी' में राजेश को वहीदा के कहने पर ही रखा गया।


*गुरुदत्त, मीना कुमारी और गीता बाली को राजेश खन्ना अपना आदर्श मानते थे।


* 'जंजीर' और 'शोले' जैसी एक्शन फिल्मों की सफलता और अमिताभ बच्चन के उदय ने राजेश खन्ना की लहर को थाम लिया। लोग एक्शन फिल्में पसंद करने लगे और 1975 के बाद राजेश की कई रोमांटिक फिल्में असफल रही।


*कुछ लोग राजेश खन्ना के अहंकार और चमचों से घिरे रहने की वजह को उनकी असफलता का कारण मानते थे। बाद में भी राजेश खन्ना ने कई फिल्में की, लेकिन सफलता की वैसी कहानी वे दोहरा नहीं सके।


*राजेश ने उस समय कई महत्वपूर्ण फिल्में ठुकरा दी, जो बाद में अमिताभ को मिली। यही फिल्में अमिताभ के सुपरस्टार बनने की सीढ़ियां साबित हुईं। यही राजेश के पतन का कारण बना।


*राजेश के स्वभाव की वजह से मनमोहन देसाई, शक्ति सामंत, ऋषिकेश मुखर्जी और यश चोपड़ा ने उन्हें छोड़ अमिताभ को लेकर फिल्म बनाना शुरू कर दी।


*अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना को प्रतिद्वंद्वी माना जाता था। दोनों ने 'आनंद' और 'नमक' हराम नामक फिल्मों में साथ काम किया है। इन दोनों फिल्मों में राजेश के रोल अमिताभ के मुकाबले सशक्त हैं।



*यह प्रतिद्वंद्विता तब और गहरा गई जब एक ही कहानी पर राजेश को लेकर ‘आज का एमएलए रामअवतार’ और अमिताभ को लेकर ‘इंकलाब’ शुरू की गई। बाद में दोनों ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास असर नहीं छोड़ पाई।


*रोमांटिक हीरो राजेश दिल के मामले में भी रोमांटिक निकले। अंजू महेन्द्रू से उनका जमकर अफेयर चला, लेकिन फिर ब्रेकअप हो गया। ब्रेकअप की वजह दोनों ने कभी नहीं बताई। बाद में अंजू ने क्रिकेट खिलाड़ी गैरी सोबर्स से सगाई कर सभी को चौंका दिया।


*राजेश खन्ना ने अचानक डिम्पल कपाड़िया से शादी कर करोड़ों लड़कियों के दिल तोड़ दिए। डिम्पल ने 'बॉबी' फिल्म से सनसनी फैला दी थी।


*समुंदर किनारे चांदनी रात में डिम्पल और राजेश साथ घूम रहे थे। अचानक उस दौर के सुपरस्टार राजेश ने कमसिन डिम्पल के आगे शादी का प्रस्ताव रख दिया जिसे डिम्पल ठुकरा नहीं पाईं। शादी के वक्त डिम्पल की उम्र राजेश से लगभग आधी थी।


* राजेश-डिम्पल की शादी की एक छोटी-सी फिल्म उस समय देश भर के थिएटर्स में फिल्म शुरू होने के पहले दिखाई गई थी।


*डिम्पल और राजेश की दो बेटी हैं ट्विंकल और रिंकी। डिम्पल और ‍राजेश में नहीं पटी और दोनों अलग हो गए।


*अलग होने के बावजूद मुसीबत में हमेशा डिम्पल ने राजेश का साथ दिया। हाल ही में वे बीमार हुए तो डिम्पल ने उनकी सेवा की। उनका चुनाव प्रचार ‍भी किया।


*अपनी साली सिम्पल कपाड़िया के साथ राजेश बतौर हीरो फिल्म ‘अनुरोध’ में नजर आए।


*जीतेन्द्र और राजेश खन्ना स्कूल में साथ पढ़ चुके हैं।


*राजेश खन्ना और उनकी बेटी ट्विंकल का एक ही दिन जन्मदिन आता है, 29 दिसंबर को।


* बहुत पहले ‘जय शिव शंकर’ फिल्म में काम मांगने के लिए राजेश खन्ना के ऑफिस में अक्षय कुमार गए थे। घंटों उन्हें बिठाए रखा और बाद में काका उनसे नहीं मिले। उस दिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि यही अक्षय एक दिन काका के दामाद बनेंगे।


*अक्षय का कहना है कि वे बचपन से राजेश खन्ना के फैन रहे हैं। आराधना, अमर प्रेम और कटी पतंग उनकी पसंदीदा फिल्म है।


*कहा जाता है कि राजेश खन्ना ने बहुत सारा पैसा लॉटरी चलाने वाली एक कंपनी में लगा रखा था जिसके जरिये उन्हें बहुत आमदनी होती थी।


*काका का कहना था कि वे अपनी जिंदगी से बेहद खुश थे। दोबारा मौका मिला तो वे फिर राजेश खन्ना बनना चाहेंगे और वही गलतियां दोहराएंगे।


* अपने बैनर तले राजेश खन्ना ने ‘जय शिव शंकर’ नामक फिल्म शुरू की थी, जिसमें उन्होंने पत्नी डिम्पल को साइन किया। आधी बनने के बाद फिल्म रूक गई और आज तक रिलीज नहीं हुई।


*राजेश खन्ना ने श्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेअर पुरस्कार तीन बार जीता और चौदह बार वे नॉमिनेट हुए।


* आज के दौर के सुपर स्टारों का का कहना है कि राजेश ने अपने जमाने में जो लोकप्रियता हासिल की थी, उसे कोई नहीं छू सकता है। 18 जुलाई 2012 को काका ने अपने घर में आखिरी सांस ली। #साभार गूगल/फोटो सोशल मीडिया


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


 


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