क्या महाराष्ट्र की सत्ता के केंद्र बनेंगे राज ठाकरे नए तेवर नए कलेवर के साथ काफी पसंद किया जा रहा है. राज ठाकरे का भगवा अवतार....
Photo social media महाराष्ट्र की राजनीति अब बदल चुकी है, कभी हिंदुत्व विचार धारा की धूरी रही.शिवसेना ने सत्ता के लिए अपनी घोर विरोधी रही कांग्रेस एनसीपी से हाथ मिला लिया है.
बाला साहेब ठाकरे की 50 वर्ष की हिंदुत्व राजनीति की यात्रा को 5 वर्ष की सत्ता की राजनीति के लिए दाव पर लगा दिया है!
ऐसे में बाला साहेब के भतीजे राज ठाकरे कहा चुप बैठने वाले थे,14 साल से मराठी मानुष की राजनीति कर रहे.
राज साहब ने अब बाला साहेब ठाकरे की हिंदुत्व की विचार धारा को थाम लिया है,राज ठाकरे के इस भगवा अवतार से घबराए उद्धव अब राम की शरण में जा रहे है। शायद वह यह बताना चाहते हैं की मैंने अभी हिंदुत्व पूरी तरह छोड़ा नहीं है,
अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर 7 फरवरी को अयोध्या जा रहे है. अब यह देखने योग्य होगा की वह अपने नए सहयोगियों से राम नगरी जाने पर कैसे तालमेल बिठाते हैं, और अयोध्या से क्या संदेश देते हैं!
राज ठाकरे का भगवा रंग महाराष्ट्र के अलावा देश में भी पसंद किया जा रहा है!
Photo social media राज ठाकरे नया दाव चल चुके है.शिवसेना को अब अपना कुनबा बचाने की चिंता ज्यादा है, क्योंकि सत्ता के लिए उद्धव का कांग्रेस एनसीपी से समझौता करना कहीं शिवसैनिकों को रास नहीं आ रहा है !
वैसे भी महाराष्ट्र की जनता राज ठाकरे में बाला साहब ठाकरे के तेवर देखती हैं. और अब तो राज ठाकरे खुलकर हिंदुत्व की राजनीति में लौट आए हैं.
23 जनवरी को बाला साहब की जयंती पर उन्होंने अपनी मंशा उजागर कर दी है. पुराने शिवसैनिक आज भी राज ठाकरे पसंद करते हैं.और उद्धव के कांग्रेस के साथ जाने को घातक कदम मानते हैं.
ऐसेमें राज ठाकरे महाराष्ट्र में हिंदुत्व की नई उम्मीद की तरह देखे जा रहे हैं !
मनसे ने अपने झंडे को अब भगवा कर दिया है. photo social media मनसे के भगवा ध्वज पर शिवाजी की मुहर है और उस पर संस्कृत में एक श्लोक लिखा गया है- 'प्रतिपच्चन्द्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववन्दिता, शाहसूनो: शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते.' आपको बता दें कि शिवाजी से पहले, मराठों की मुहरें फारसी में लिखी हुई हुआ करती थी. शिवाजी ने सांस्कृतिक प्रवृत्ति आरंभ की, जिसका पालन उनके वंशजों और अधिकारियों ने किया. अब इसी राह पर राज ठाकरे चलते हुए दिखाई दे रहे हैं.