रतलाम में बवाल वीर सावकर मामले ने तूल पकड़ा : निलंबित राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्राचार्य आरएन केरावत के समर्थन में विद्यार्थियों ने खोला मोर्चा !

शौर्य ध्वज / रतलाम में वीर सावकर मामले ने तूल पकड़ा : निलंबित राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्राचार्य आरएन केरावत के समर्थन में विद्यार्थियों ने खोला मोर्चा !


* अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चेतावनी दी है कि 7 दिन में प्राचार्य को बहाल नहीं किया गया तो   पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा!


* 2 माह बाद कार्रवाई को लेकर विभाग के अधिकारी भी सवालों के घेरे में


*  भाजपा ने प्राचार्य के निलंबन की कार्रवाई को कांग्रेस की छोटी मानसिकता बताया!


रतलाम जिले की शासकीय हाईस्कूल मलवासा में वीर सावरकर मामले में निलंबित प्राचार्य आरएन केरावत के समर्थन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी उतर आया है।


वहीं स्कूली विद्यार्थियों ने स्कूल से कुछ ही दूरी पर रतलाम खाचरोद रोड पर जाम कर दिया है। रतलाम से नागदा जाने वाली मुख्य रोड होने के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लाइन लग गई है, वाहन चालक खेतों में से होकर निकल रहे हैं।


विद्यार्थियों की मांग है कि उनके प्राचार्य को बहाल किया जाए। प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
लेकिन राजनीति गरमा गई है! मामला भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया है!


मिल चुका है, राष्ट्रपति पुरस्कार


खास बात यह है कि शासन के मिशन समर्थ अभियान में एलईडी के माध्यम से केरावत के 36 वीडियो से ही 25 स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है।


2010 में उत्कृष्ट शिक्षक का राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्राचार्य आरएन केरावत गणित के विशेषज्ञ हैं। वे राज्य स्तर पर भी राज्यपाल की ओर से सम्मानित हो चुके हैं। 


प्राचार्य के समर्थन में जिले के शासकीय स्कूलो के प्राचार्य व्याख्याता, शिक्षक भी आगे आए हैं! स्कूल के विद्यार्थियों ने भी प्राचार्य को बहाल करने की मांग को लेकर परिसर में नारेबाजी की बुधवार शाम समग्र संगठन के बैनर तले कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री व संभागायुक्त  के नाम ज्ञापन शहर एसडीएम लक्ष्मी गामड़ को सौंपा!



ज्ञात हो कि
एनजीओ वीर सावरकर हितार्थ समिति द्वारा स्कूल में 4 नवंबर को विद्यार्थियों को निशुल्क काफिया बाटी गई थी! कॉपियों के दोनों तरफ सावरकर के फोटो और जीवनी के साथ ही एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) के पदाधिकारियों के फोटो छपे थे!


भोपाल शिकायत होने के बाद मामला कलेक्टर के पास पहुंचा जिला शिक्षा अधिकारी ने नोटिस देकर प्राचार्य से जवाब मांगा!
संभागायुक्त ने 13 जनवरी को बिना अनुमति के आधार पर कॉपी वितरण कार्यक्रम करने का हवाला देते हुए प्राचार्य को निलंबित किया था।




 


 


 


 


 


 


 


 


 


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