हिंदी पत्रकारिता दिवस 2020: संघर्ष के साथ 194 साल की हुई हिंदी पत्रकारिता ' 'उदन्त मार्तण्ड' पहला हिंदी भाषी अखबार, जो एक साल भी नहीं छप सका था! आज भी अपने अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं पत्रकार

30 मई हिन्दी पत्रकारिता दिवस।


पत्रकारों को धमकियां तो मिलती ही रहती है,और अपनी हत्याएं होने के जोखिम के अलावा अपने कामकाज के सिलसिले में मौखिक व शारीरिक हमलों का भी सामना करना पड़ता है. हाल के वर्षों में मीडिया और पत्रकारों के लिए शत्रुतापूर्ण माहौल और भड़काऊ दुष्प्रचार के बीच उन्हें बंदी बनाए जाना, उनका अपहरण करने और उन पर शारीरिक हिंसा किए जाने के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है, इसके ताजा उदाहरण सुधीर चौधरी और अर्नब गोस्वामी जैसे बड़े पत्रकार भी है, ऐसे ही पत्रकारों का संघर्ष और पत्रकारिता दोनों साथ साथ चलते रहेंगे, 1826 ई. का यह वही दिन था, जब पंडित युगल किशोर शुक्ल ने कलकत्ता से प्रथम हिन्दी समाचार पत्र 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन आरंभ किया था। 'उदन्त मार्तण्ड' नाम उस समय की सामाजिक परिस्थितियों का संकेतक था जिसका अर्थ है- 'समाचार सूर्य'। भारत में पत्रकारिता की शुरुआत पंडित युगल किशोर शुक्ल ने ही की थी। फोटो: साभार न्यूज पोर्टल
हिन्दी पत्रकारिता ने एक लंबा सफर तय किया। 'उदन्त मार्तण्ड' के आरंभ के समय किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि हिन्दी पत्रकारिता इतना लंबा सफर तय करेगी। युगल किशोर शुक्ल ने काफी समय तक 'उदन्त मार्तण्ड' को चलाया और पत्रकारिता की। लेकिन कुछ समय के बाद इस समाचार पत्र को बंद करना पड़ा जिसका मुख्य कारण था, उसे चलाने के लिए पर्याप्त धन का न होना। लेकिन वर्तमान की परिस्थितियां तब से काफी अलग हैं।
 
आज काफी संख्या में लोग पत्रकारिता पर पैसा लगा रहे हैं और अब ये केवल पत्रकारिता न रहकर एक बड़ा कारोबार बन गया है। बीते हिन्दी अखबारों व समाचार पत्रिकाओं के क्षेत्र में काफी तेजी आई है और हिन्दी पाठक भी अपने अखबारों को पूरा समर्थन देते हैं।
 
वैसे तो हिन्दी पत्रकारिता की शुरुआत बंगाल से हुई और इसका श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है। राजा राममोहन राय ने ही सबसे पहले प्रेस को सामाजिक उद्देश्य से जोड़ा और भारतीयों के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक हितों का समर्थन किया।


उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों पर प्रहार किए और अपने पत्रों के जरिए जनता में जागरूकता पैदा की। राम मोहन राय ने कई पत्र शुरू किए जिसमें साल 1816 में प्रकाशित बंगाल गजट अहम है, जो भारतीय भाषा का पहला समाचार पत्र था। लेकिन 30 मई 1826 को कलकत्ता से प्रकाशित 'उदन्त मार्तण्ड' हिन्दी भाषा का पहला समाचार पत्र माना जाता है। 


तब से लेकर अब तक हिन्दी अखबार समाज में अपना स्थान बना चुके हैं और अन्न-जल की ही भांति जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं और 'उदन्त मार्तण्ड' से शुरू हुआ हिन्दी पत्रकारिता का ये सफर आज बरकरार रहने के साथ ही अपने आप में कई नए आयाम जोड़कर लगातार फल-फूल रहा है।


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