नारी प्रधान इस देश की यह कैसी विडंबना है।
जहां एक ओर नारी सम्मान के प्रतीक नवरात्रि माता के जगराते चल रहे हैं। मां जगदंबा की आराधना में पूरा देश लीन है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता के इस महापर्व में देश के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी भी मां शक्ति की उपासना में लीन है।
इसी देश का एक काला स्याहा चेहरा भी इसी पर्व के दौरान देखने को मिला है, जहां मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनावी सभा के मंच से महिला को "आइटम" कहकर संबोधित करते हैं।
और सभा में शामिल लोग यहां तक कि एक पूर्व महिला मंत्री भी जोर-जोर से ठहाके लगाते हैं। हालाकि उनका हाव भाव बता रहा था की कमलनाथ द्वारा महिला को "आइटम" कहने वाली टिप्पणी से वह भी लज्जित है शर्मसार है। लेकिन मामला पार्टी के मुखिया का है। इसलिए महिला अपमान पर एक महिला भी अपमान का घुट पीकर चुप रह गई। लेकिन कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेता को ऐसी अशोभनीय टिप्पणी से बचना चाहिए था।
सोचने वाली बात तो यह भी है, कैसी घटिया सोच भरी मानसिकता है।उस पार्टी की जिसकी मुखिया खुद एक महिला है, आखिर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी यह सब कैसे बर्दाश्त करती होगी।
क्योंकि कांग्रेस पार्टी में उन्हीं के अध्यक्ष काल में पहले भी महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां होती रही है। किसी ने महिलाओं को "टंच माल" कहा तो कोई "आइटम" कह रहा है। और तो और नई खेप भी फूल सिंह बरैया के रूप में महिलाओं की लड्डू से तुलना करते हुए। अभद्र टिप्पणी करते हैं।
लेकिन पार्टी कभी ऐसे नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। क्या नारी शक्ति का अपमान कांग्रेस अध्यक्षा के लिए कोई मायने नहीं रखता। उन्हें याद होना चाहिए कि इंदिरा गांधी भी महिला प्रधानमंत्री के तौर पर देश की शान थी। आज उस पार्टी की क्या हालत कर दी गई है।
भरे मंच से महिला के अपमान पर ठहाके लगाए जाते हैं। और कोई भी कांग्रेस पार्टी का नेता आवाज नहीं उठाता। ऐसा लगता है जैसे यह बात उनके लिए बहुत साधारण है।
लेकिन जिस देश की आधी आबादी ही महिला शक्ति हो भला वह हिंदुस्तान महिलाओं का अपमान कैसे सहेगा। वैसे भी हमारे देश में नारी को प्रथम स्थान दिया गया है। हम तो हमारे देश को भी भारत मां कह कर सम्मान देते है, यह मात्र एक नारी का नहीं बल्कि मां भारती का अपमान है। शौर्य ध्वज....✍🏻